🌸 तेरी मुस्कान की कसम – एक अधूरी नहीं, अमिट प्रेम कहानी 💔💫
लेखक: SmartLifeMantra
गाँव: सरगुजा (छत्तीसगढ़ का एक शांत, हरियाली से घिरा गांव)
कॉलेज: राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर
लड़का: रवि – गरीब मगर होशियार, सच्चा, मेहनती, स्वाभिमानी
लड़की: श्रेया – अमीर घर की, सुंदर, सुलझी हुई, पर एक गहरी उलझन में फँसी लड़की
🕰️ कहानी की शुरुआत – एक नजर जो जिंदगी बदल दे
रवि का सपना था इंजीनियर बनकर अपने माँ-बाप का सिर ऊँचा करना। गाँव सरगुजा से निकलकर जब वह रायपुर के कॉलेज पहुँचा, तो जेब में सिर्फ़ 500 रुपए थे लेकिन आँखों में लाखों ख्वाब। उसी कॉलेज में पहली बार उसने श्रेया को देखा—नीले सूट में, बालों में चमेली का गजरा, और होंठों पर एक हल्की मुस्कान।
पहली नजर में ही कुछ ऐसा हुआ कि दिल कुछ पल के लिए थम गया। लेकिन रवि जानता था—उसका और श्रेया का कोई मेल नहीं। वो एक अमीर बिजनेसमैन की इकलौती बेटी थी, और रवि एक किसान का बेटा।
पर प्यार सरहदें नहीं देखता...
🌼 करीबियाँ बढ़ीं, दिल की बातें खुलीं...
कॉलेज प्रोजेक्ट के दौरान जब रवि और श्रेया एक ही टीम में आए, तब पहली बार श्रेया ने रवि से पूछा:
> "तुम इतने चुप क्यों रहते हो?"
रवि मुस्कराया और बोला:
> "क्योंकि दिल की आवाज़ अक्सर शोर से नहीं, ख़ामोशी से सुनी जाती है।"
बस… उस दिन से श्रेया को रवि की खामोशियाँ सुनाई देने लगीं। वे साथ लाइब्रेरी जाते, कैंटीन में बैठकर बातें करते, और शाम को कैंपस की बेंच पर एक-दूसरे के सपनों की दुनिया बुनते।
रवि ने एक दिन हिम्मत कर के कह ही दिया:
> "श्रेया, मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है।"
श्रेया कुछ पल के लिए चुप रही, फिर उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसने कहा:
> "रवि, मैं भी तुमसे मोहब्बत करती हूँ… लेकिन पापा नहीं मानेंगे।"
💔 टूटती उम्मीदें – जब प्यार को आज़माया गया
श्रेया के पापा को जब इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने श्रेया को दिल्ली भेज दिया। रवि को धमकी मिली, बदनाम किया गया, लेकिन उसने चुपचाप सब सह लिया।
कॉलेज खत्म हुआ। रवि ने कोचिंग पढ़ा कर पैसे कमाए, और फिर खुद की एक छोटी सी स्टार्टअप कंपनी शुरू की – “GramTech Solutions”। दिन-रात की मेहनत रंग लाई और तीन साल में वो लाखों कमाने लगा।
लेकिन दिल में कहीं अब भी श्रेया की जगह खाली थी...
✉️ एक दिन श्रेया की चिट्ठी आई...
> "रवि, तीन साल हो गए… पर तुम कभी भुलाए नहीं गए। पापा ने मेरी मर्जी के बिना मेरी सगाई कर दी है। लेकिन मैं आज भी सिर्फ तुम्हारी हूँ। क्या तुम अब भी मुझे अपनाओगे?"
रवि को वो चिट्ठी पढ़ते हुए हाथ काँप रहे थे… आंखें नम थीं। लेकिन अगले ही पल उसने जवाब लिखा:
> "श्रेया, मेरा प्यार तुम्हारे लिए आज भी उतना ही सच्चा है जितना पहले था…
लेकिन अब मैं खुद को नहीं खो सकता।
अगर तुम सच में आज़ाद होकर आओ, तो हमेशा के लिए तुम्हारा इंतज़ार करूंगा।
लेकिन किसी बेवफ़ाई के बीच अपना प्यार नहीं लाना चाहता।"
⚔️ श्रेया ने लिया फैसला – अपने लिए, अपने प्यार के लिए
श्रेया ने अपनी सगाई तोड़ दी। उसने घर छोड़ा, एक NGO में काम करना शुरू किया। वो चाहती थी कि खुद के पैरों पर खड़ी होकर रवि के बराबर बने—not as a burden, but as a partner.
दोनों ने बिना एक-दूसरे से मिले, अपने-अपने जीवन को सुधारा, संवारा।
6 महीने बाद... रवि एक सेमिनार में "Rural Tech Transformation" पर भाषण दे रहा था। मंच के सामने बैठी एक लड़की उसकी आँखों में देख रही थी—वो थी श्रेया।
सेमिनार खत्म होने के बाद वह मंच पर आई और बोली:
> "रवि, क्या आज तुम्हें मेरा हाथ थामने में कोई झिझक है?"
रवि की आँखें भर आईं, और उसने कहा:
> "तेरी मुस्कान की कसम, अब कोई दूर नहीं कर सकता हमें..."
🌸 अंत नहीं, एक नई शुरुआत...
रवि और श्रेया ने मिलकर गाँव में एक स्कूल शुरू किया, जहाँ गरीब बच्चों को फ्री टेक्नोलॉजी की शिक्षा दी जाती है। उनका प्यार अब सिर्फ एक रिश्ता नहीं, एक प्रेरणा बन चुका था।
🏡 शादी की तैयारियाँ शुरू हो गई थीं...
रवि और श्रेया ने अपने प्यार को समाज के सामने स्वीकार कर लिया था। सरगुजा गाँव में हर तरफ बात फैल गई — "गाँव का बेटा अब लाखों कमाता है और अब अपनी मोहब्बत को ब्याहने जा रहा है।"
श्रेया अपने हाथों से बच्चों को शादी के कार्ड बना रही थी। रवि मंदिर जाकर रोज़ पूजा करता, और अपनी माँ से कहता:
> "माँ, अब तेरे आँगन में बहू की हँसी गूंजेगी।"
लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था...
🌫️ अतीत की परछाई फिर लौटी...
श्रेया के एक्स-फायनसें विशाल को जैसे ही शादी की खबर मिली, वो पागल हो गया। दिल्ली में उसका बिज़नेस डूब चुका था, और उसने सबका दोष श्रेया पर डाल दिया।
उसका ईगो चूर हो चुका था। वो गुस्से में बड़बड़ा रहा था:
> "मुझे छोड़कर एक गाँव के लड़के से शादी करोगी? अब देखता हूँ, कैसे होती है ये शादी!"
और उसने रवि को खत्म करने की प्लानिंग शुरू कर दी।
🩸 शादी से एक दिन पहले की रात – जब मौत सिरहाने आई
शादी से एक रात पहले, रवि अपने दोस्तों के साथ हल्दी की रस्म में था। पूरा घर रोशनी से चमक रहा था। तभी रवि को एक अनजान नंबर से कॉल आया:
> "तेरी दुल्हन मेरे साथ है। अगर ज़िंदा देखना चाहता है, तो अकेले आ जा पुरानी फैक्ट्री के पास।"
रवि का दिल धड़कने लगा। उसने किसी को कुछ नहीं बताया और अकेले ही निकल पड़ा।
वहाँ पहुँचते ही उसने देखा — श्रेया एक कुर्सी से बंधी थी, और सामने खड़ा था विशाल।
> "तू सोचता था प्यार जीत जाएगा? अब देख, मैं कैसे तुझे और तेरे प्यार को मिटा देता हूँ!"
⚔️ लड़ाई, दर्द और अंतहीन इम्तहान...
रवि ने बहादुरी से श्रेया को बचाने की कोशिश की, लेकिन विशाल ने उस पर लोहे की रॉड से वार किया। खून बह रहा था, लेकिन रवि रुका नहीं।
उसने विशाल को रोका, मारा नहीं। पुलिस को पहले ही लोकेशन भेज दी थी। पुलिस आई और विशाल को गिरफ्तार कर लिया।
श्रेया भाग कर रवि के पास आई और रोते हुए कहा:
> "मैं तुझे खो नहीं सकती रवि… तू मेरा सबकुछ है।"
रवि ने मुस्कराकर कहा:
> "मैंने तुझसे वादा किया था न? तेरी मुस्कान की कसम, तुझे कभी रोने नहीं दूँगा।"
💍 अगले दिन शादी हुई… खून के धब्बे नहीं, प्यार के निशान थे
रवि के सिर पर पट्टी थी, श्रेया की आँखों में आँसू… लेकिन मंडप में बैठकर दोनों ने सात फेरे लिए, और सच्चे प्यार की ये कहानी हमेशा के लिए अमर हो गई।
❤️ इस कहानी से सीख:
सच्चा प्यार कभी हार नहीं मानता।
हालात चाहे जितने भी मुश्किल हों, अगर इरादे नेक हों तो सब मुमकिन है।
प्यार वो नहीं जो हर हाल में साथ रहना चाहे, प्यार वो है जो हर हाल में सामने वाले को मजबूत देखना चाहे।
नफरत चाहे जितनी हो, प्यार की रोशनी उसे जला सकती है।
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