कहानी की शुरुआत होती है एक लड़का और एक लड़की से
बारिश की एक हल्की सुबह थी। कॉलेज का पहला दिन।
आर्यन बाइक से तेज़ आ रहा था। अचानक उसके बाइक के पहिए से कीचड़ उछलकर एक लड़की के सफेद कपड़ों पर जा गिरा।
"अंधा हो क्या? नजर नहीं आती?" लड़की गुस्से से चिल्लाई।
आर्यन ने हंसते हुए जवाब दिया,
"आंखें तो हैं, लेकिन कभी-कभी खूबसूरती देखकर धुंधला हो जाता है।"
"बहुत बदतमीज़ हो तुम!" कहकर वो चली गई।
वो लड़की थी प्रियंका।
उसके बाद से दोनों की रोज की लड़ाई कॉलेज में मशहूर हो गई थी।
आर्यन जानबूझकर प्रियंका को तंग करता, कभी उसके नोट्स छुपा देता, कभी उसके दोस्तों के सामने उसे चिढ़ाता।
मगर धीरे-धीरे उनकी नफरत में भी एक मीठापन आने लगा।
प्रियंका भी अब जानबूझकर आर्यन से उलझने के मौके ढूंढने लगी थी।
जहां तकरार होती है, वहां अक्सर दिल भी जुड़ते हैं।
धीरे-धीरे...
एक दिन प्रियंका अकेली बैठी रो रही थी।
आर्यन ने पहली बार उसे चुपचाप आंसू बहाते देखा।
"क्या हुआ? आज तो बहस भी नहीं कर रही।"
प्रियंका ने कहा, "पापा ने मेरी शादी पक्की कर दी है।"
"तू खुश है?"
आर्यन की आवाज़ में डर था।
प्रियंका सिर झुकाकर बोली, "खुश होना अब मजबूरी है।"
उस दिन पहली बार आर्यन ने अपने दिल से सच सुना — उसे प्रियंका से मोहब्बत हो चुकी थी।
अब आर्यन ने लड़ाई करना छोड़ दिया, प्रियंका का हर पल ख्याल रखने लगा।
वो दोनों अब एक-दूसरे की आंखों में खुद को देखने लगे थे।
कॉलेज के फेयरवेल में, आर्यन ने सबके सामने कहा:
> "तुझसे नफरत करते-करते, कब तुझसे मोहब्बत कर बैठा, खुद भी नहीं जान पाया।"
प्रियंका की आंखों में आंसू आ गए।
उसने कहा, "काश, ये बात थोड़ा पहले कहता..."
"देर कैसी हुई?"
आर्यन घबरा गया।
प्रियंका ने चुपचाप अपनी रिपोर्ट्स दिखाई — कैंसर, आखिरी स्टेज।
आर्यन की सांसें थम गईं।
"तू छोड़ कर जाएगी मुझे?"
प्रियंका ने कहा:
> "अगर मोहब्बत सच्ची है, तो बिछड़ना मुमकिन नहीं..."
मौत से लड़ने की जिद
उस दिन से आर्यन ने हार मानने से इंकार कर दिया।
उसने प्रियंका के इलाज के लिए शहर-शहर दौड़ लगाई।
दिन-रात उसके साथ रहा, उसकी हर मुस्कान को बचाने के लिए जी-जान लगा दी।
प्रियंका कई बार कहती, "छोड़ दे मुझे, अब ये लड़ाई मुमकिन नहीं।"
मगर आर्यन ने कहा:
> "मैं तुझे कैसे छोड़ दूं? तुझमें मेरी सांसें हैं।"
कई महीनों की लड़ाई के बाद, इलाज रंग लाने लगा।
डॉक्टर ने कहा – "एक चमत्कार हुआ है।"
प्रियंका धीरे-धीरे ठीक होने लगी।
उस दिन आर्यन ने कहा:
> "तू मरती तो तेरा जिस्म जाता, मगर मैं तुझमें जिंदा रह जाता।"
प्रियंका मुस्कुरा कर बोली:
> "तू मेरा ऐसा हमसफ़र है, जो मुझे मौत से भी खींच लाया..."
मोहब्बत की जीत
कुछ रिश्ते सिर्फ कागजों पर नहीं, दिलों में जुड़ते हैं।
प्रियंका अब ठीक हो चुकी थी।
दोनों ने एक छोटी सी शादी की, बिना किसी शोर-शराबे के, बस वो दो लोग और उनका अमर प्यार।
आज भी जब बारिश होती है, आर्यन मुस्कुराता है, और प्रियंका कहती है:
> "ये बारिश हमारी पहली लड़ाई की गवाह है, और आज हमारी मोहब्बत की भी।"
कुछ दिल से निकली शायरी
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"नफरत से शुरू हुए थे,
मगर मोहब्बत में मर कर भी जिंदा रह गए।"
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"तू मरती, तो भी तुझमें जीता रहता,
तू हारी थी, तो भी मैंने तुझे जीत लिया।"
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"प्यार अगर सच्चा हो,
तो मौत भी झुक जाती है।"
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"हम अधूरे थे,
मगर मोहब्बत ने हमें मुकम्मल कर दिया।"
कहानी का संदेश:
हर मोहब्बत अधूरी नहीं होती।
अगर प्यार सच्चा हो, तो हर मुश्किल हार जाती है।
जब इंसान किसी के लिए मरने को तैयार हो जाता है, तो किस्मत भी उसे जीतने का मौका देती है।
सच्चा प्यार लड़ता है, टूटता है, मगर कभी हारता नहीं।
अगर आपको ये कहानी दिल से छू गई हो, तो इसे जरूर शेयर करें।
शायद किसी के दिल की भी अधूरी कहानी इसमें जिंदा हो।
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